Ram Setu के डायलॉग : यह देश राम के भरोसे चलता है,सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रामसेतु को तोड़ने की इजाजत मांगी है,दुनिया में श्री राम के लाखों मंदिर है पर सेतु सिर्फ एक *रामसेतु*
Ram Setu Movie: फिल्म के नाम से सबको पता चल ही गया होगा इस फिल्म की कहानी रामायण में दिखाई गई रामसेतु के ऊपर आधारित है | इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ जैकलिन फर्नांडीस, नुसरत भरुचा और सत्य देव मुख्य भूमिका में है | लेखक एवं निर्देशक अभिषेक शर्मा की भारतीय एक्शन एडवेंचर(साहसिक) फिल्म ‘Ram Setu’ कुछ खास नहीं कर सकी। 150 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर केवल 92 करोड रुपए ही कम पाई।
कहानी “रामसेतु” की
रामसेतु फिल्म में डॉक्टर आर्यन कुलश्रेष्ठ (अक्षय कुमार) एक ऐसे आर्कियोलॉजिस्ट का रोल आधा कर रहे हैं जो नास्तिक है (किसी भी धर्म को नहीं मानने वाला) वह एक पाकिस्तानी टीम के साथ संयुक्त अभियान में मिलकर अफगानिस्तान के जमीन पर जाते हैं और वहां उन्होंने एक भारतीय राजा के पुराने खजाने को ढूंढने के लिए खुदाई करते हैं। तभी उनके ऊपर तालिबानियों द्वारा हमला कर दिया जाता है। आर्यन वहां से भाग निकलने में तो सफल होते हैं साथ ही साथ वह खजाना भी अपने साथ लेकर भागने में कामयाब रहते हैं।
डॉ आर्यन नास्तिक है वह एक संवाददाता सम्मेलन में कहते हैं और यह भी कहते हैं कि वह इतिहास का पता लगाने के लिए जान को जोखिम में भी डाल सकते हैं। इस वजह से वह काफी सुर्खियां बटोरते हैं।
पुष्पक शिपिंग के मालिक इंद्रकांत (नासर) ने भारत सरकार से अपने सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु को नष्ट करने का अनुरोध किया हुआ है। उसका मानना है कि भारत और श्रीलंका के बीच व्यापार करने के लिए काफी सहूलियत होगी जिससे काफी मात्रा में ईंधन बचाया जा सकेगा। भारत और श्रीलंका के बीच की दूरी को काम किया जा सकेगा। इंद्रकांत जैसा कहता है सरकार को वैसा ही करना पड़ता है क्योंकि सरकार उसी के हाथ में है।
राम सेतु, श्री राम के जन्म से पहले का बना हुआ प्राकृतिक सेतु है इसको साबित करने के लिए इंद्रकांत भारतीय आर्कियोलॉजिस्ट सोसायटी की मदद लेता है। भारतीय आर्कियोलॉजिस्ट सोसायटी में हाल ही में संयुक्त महानिदेशक के रूप में डॉक्टर आर्यन को पदोन्नत किया गया होता है। सरकार को लगता है कि डॉक्टर आर्यन ही इस काम को कर सकता है।
डॉ आर्यन को रिपोर्ट दिखाया जाता है और कहा जाता है कि रामसेतु एक प्राकृतिक रूप से बना हुआ है, यह मानव निर्मित नहीं है, इसको यह साबित करना है। इस काम को करने के लिए डॉक्टर आर्यन कुछ समय मांगते हैं लेकिन उनको ज्यादा समय नहीं दिया जाता। हालांकि उनके द्वारा दिया गया रिपोर्ट रामायण पर भी सवाल उठता है। और पूरे देश में एक विवाद पैदा हो जाता है।
इंद्रकांत डॉक्टर आर्यन से मिलकर बहुत खुश होता है और उसे राम सेतु पर जाकर यह मानव निर्मित पुल नहीं है यह साबित करने के लिए कहता है। राम सेतु मिशन में डॉक्टर आर्यन के साथ प्रोजेक्ट मैनेजर बाली (प्रवेश राणा), पर्यावरण की जानकार डॉक्टर सैंड्रा रेबेलो (जैकलीन फर्नांडिस) और डॉक्टर गैब्रिएल (जेनिफर पीसीनाटो) को शामिल किया गया है।
डॉक्टर आर्यन अपनी टीम के साथ जब रिसर्च करने लगते हैं। तब उनको यह पता लगता है कि उस सेतु में लगे हुए पत्थर तकरीबन 7000 साल पुराने हैं और कुछ शोधकर्ताओं के द्वारा भी यह अनुमान लगाया गया है कि भगवान श्री राम का जन्म भी 7000 साल पहले हुआ था। इस रिसर्च से डॉक्टर आर्यन को यह विश्वास नहीं होता है। आगे क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
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Ram Setu मानव निर्मित पुल या प्रकृति का चमत्कार
पौराणिक कथा के अनुसार रामसेतु भगवान श्री राम द्वारा बनाया गया एक पुल है | इस पुल को बानर सेना ने समुंदर के उस पार श्रीलंका में जाने के लिए बनाया गया था | जहां पर माता सीता दुष्ट रावण के कैद में थी | वैज्ञानिक भी इस पुल के बारे में जानने का वर्षों से प्रयास कर रहे हैं लेकिन आज तक यह पता नहीं लगा सके कि रामसेतु वाकई में मानव द्वारा बनाया गया पुल है या प्राकृति ने अपना चमत्कार दिखाया है | लेकिन Ram Setu मूवी में यही दिखाने का प्रयास किया गया है | क्या वाकई में राम सेतु को श्री राम की सेना ने ही बनाया है या प्रकृति का चमत्कार है जाहिर सी बात है इस मूवी को देखने के बाद लोगों को कुछ अंदाजा लग सकता है |
राम सेतु के बारे में क्या कहते हैं शोधकर्ता
रामसेतु पर रिसर्च कर रहे कुछ रिसर्चस ने यह दावा किया है कि रामेश्वरम के धनुषकोंडी से लेकर श्रीलंका के मनार तक समुन्दर में कुछ ऐसे पत्थर पाए गए हैं जो 7000 साल पुराने हैं | ये पत्थर भारी होने के वावजूद भी पानी पर तैरते है | सायद यही कारण है की समुन्दर के ऊपर इतना लम्बा पुल था | इस पल की लम्बाई लगभग 48 किलोमीटर थी |
पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीराम रावण का वध कर सीता माता को वापस ला रहे थे, तभी उन्होंने पुल के ऊपर तीर मारकर पुल के कुछ हिस्से को नष्ट कर दिया ताकि भविष्य में कोई भी इस पुल का दुरुपयोग न कर सके।